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अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे !
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ! ~ Pujya Shivakant Ji Maharaj Ke Bhajan