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हिंदू धर्म एकादशी व्रत की बहुत मान्यता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है. एकादशी व्रत सभी व्रतों में सबसे पवित्र व्रत माना जाता है. षटतिला एकादशी फरवरी माह की 7 तारीख को पड़ रही है. इस दिन तिल के प्रयोग का बहुत महत्व माना गया है. षटतिला एकादशी पर 6 प्रकार से स्नान, उबटन, आहुति, तर्पण, दान और सेवन का बहुत महत्व माना गया है. आइए जानते हैं षट्तिला एकादशी का शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि...
षट्तिला एकादशी शुभ मुहूर्त :
एकादशी तिथि का प्रारंभ: 7 फरवरी 2021 सुबह 06 बजकर 26 मिनट से व्रत शुरू हो जाएगा.
एकादशी तिथि समाप्त: 8 फरवरी 2021 सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक व्रत का पारण कर लें.
षट्तिला एकादशी व्रत पूजा विधि:
- षट्तिला एकादशी का व्रत करने वाले जातक को सुबह जल्दी उठना चाहिए और नित्यकर्म और स्नान करके पूजा स्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए.
- पूजा की चौकी साफ करके इसपर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं. अब इसपर कृष्ण और विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
- पूजा करते समय भगवान कृष्ण के भजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल देवताओं को अर्पित करें.
-व्रत के अगले दिन यानी कि द्वादशी पर पूजा के बाद भोजन का सेवन करने के बाद षट्तिला एकादशी व्रत का पारण करें.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, षट्तिला एकादशी के दिन तिल को पानी में डालकर नहाना मंगल फलदायक माना जाता है. इसके साथ ही भगवान विष्णु को भी पूजा के दौरान तिल अर्पित करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. यह भी माना जाता है कि इस दिन गरीब या जरूरतमंद को तिल का दान देना शुभ होता है. कई लोग इस एकादशी में तिल से बनी सेवइयां भी खाते हैं.