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बसंत पंचमी पर डांडा लगाने के साथ ही वृंदावन में 40 दिनी होली उत्सव शुरू हो गया। बांके बिहारी मंदिर में जमकर गुलाल उड़ा। कोरोना के बाद वृंदावन का यह पहला उत्सव है, जब श्रद्धालुओं की संख्या पिछली बसंत पंचमी से अधिक है। भक्त अपने आराध्य ठाकुरजी की भक्ति में विभोर दिखे। पहले दिन होली खेलने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे।
बृजभूमि में इस त्योहार का अपना अलग ही महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल से बृज में 45 दिनों के लिए होली पर्व की शुरुआत हो गई। इसी के साथ ब्रज के प्रमुख मंदिरों में भी अबीर-गुलाब से होली खेली गई। वसंत ऋतु के आगमन का पूरे उल्लास के साथ स्वागत किया। बांके बिहारी के साथ शुरू होने वाली होली का समापन बृज के राजा और कृष्ण के बड़े भाई के साथ खेले जाने वाले हुरंगा के साथ होता है।