देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर कम हो रहा है. हालांकि खतरा अभी टला नहीं है. क्योंकि डॉक्टरों का कहना कि कोरोना की तीसरी लहर 6 से 8 हफ्तों में आ सकती है. पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना संक्रमण के 60 हजार 753 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 1647 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. बीते दिन 97,743 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं.
देश में लगातार 37वें दिन कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं. 18 जून तक देशभर में 27 करोड़ 23 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. बीते दिन 33 लाख टीके लगाए गए. वहीं अबतक करीब 38 करोड़ 92 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से ज्यादा है.
आज कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति-
कुल कोरोना केस- दो करोड़ 98 लाख 23 हजार 546
कुल डिस्चार्ज- दो करोड़ 86 लाख 78 हजार 390
कुल एक्टिव केस- 7 लाख 60 हजार
कुल मौत- 3 लाख 85 हजार 137
देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.29 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 96 फीसदी है. एक्टिव केस घटकर 3 फीसदी से कम हो गए हैं. कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है. कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है. जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है.
भारत ने टीकों का निर्यात फिर् से शुरू होने की उम्मीद जतायी
दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता भारत चाहता है कि कोरोना वायरस टीकों को निर्यात फिर से शुरू हो लेकिन जब तक उसकी घरेलू जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह ऐसा नहीं कर सकता. देश के कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख ने शुक्रवार को यह बात कही.
डॉ विनोद के पॉल ने कहा, 'भारतीय लोगों के महत्वपूर्ण हिस्से को टीका लगाने की हमारी तत्काल जरूरत पूरी हो जाए और विभिन्न स्रोतों से टीकों का स्टॉक मिल जाए, इसके बाद हम दूसरे देशों की सेवा और उन्हें टीके प्रदान करने की भूमिका निभाना चाहेंगे.' पॉल ने अप्रैल में टीके के निर्यात को प्रतिबंधित करने के भारत सरकार के कदम का बचाव किया क्योंकि उस समय देश में संक्रमण और मौत के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत ने साल की शुरुआत में पर्याप्त मात्रा में टीके दिए थे, जब उसने अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था. इसका सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि कई देशों ने ऐसा नहीं किया है. भारत ने जनवरी में 90 से अधिक देशों को टीकों का निर्यात करना शुरू किया था। लेकिन जब भारत में संक्रमण बढ़ गया तो निर्यात बंद हो गया.