सनातन धर्म में गंगा दशहरे का बहुत महत्व है. इस साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि यानी आज है. इस दिन श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर पूजा-पाठ करते हैं. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से दस हजार पापों का नाश होता है. पौराणिक कथा को देखे तो भागीरथ की कठोर तपस्या के बाद माता गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था. हर साल गंगा दशहरा के दिन लाखों भक्त गंगा में स्नान करते थे. लेकिन इस साल कोरोना काल में ये संभव नहीं हो पाया. अगर जीवन में कोई परेशानी है तो इस दिन इन उपायों करके कष्टों से निजात पाया जा सकता है.
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए
यदि आप भारी कर्ज से परेशान हैं और चाहकर भी कर्ज से मुक्त नहीं हो पा रहें हैं. तो आप अपनी लम्बाई का एक काला धागा लें. उसे नारियल में बांधकर भगवान से अपनी समस्या के बारे में बताते हुए उसकी समाप्ति के लिए प्रार्थना करें. अब शाम को इस नारियल को बहते हुए जल में प्रवाहित करें. ध्यान रहे कि प्रवाहित करने के बाद पीछे मुड़कर न देखें. कुछ ही दिनों में आपकी समस्या का समाधान मिल जाएगा.
नौकरी और बिजनेस में तरक्की के लिए
यदि आपकी नौकरी और व्यापार में बाधाएं आ रहीं हैं, तो आज गंगा दशहरा के दिन एक मिटटी के घड़े को लें. उसमें थोडा गंगा जल और थोड़ी चीनी डाल दें. अब घड़े के गले तक पानी भर दें. अब इस घड़े को किसी गरीब को दान कर दें. धीरे-धीर नौकरी और बिजनेस में तरक्की होगी.
बीमारी से मुक्त होने के लिए
यदि आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है, तो गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के बाद तट पर "संसार विष नाशिन्यै, जीवनायै नमोऽस्तु ते, ताप त्रय संहन्त्र्यै, प्राणेश्यै ते नमो नमः" मंत्र का 11 बार जाप करें. यदि गंगा स्नान संभव न हो तो बाल्टी में गंगा जल की कुछ बूँदें डालकर स्नान करें. उसके बाद इस मंत्र का 11 बार जप करें. बीमारी से मुक्ति मिलेगी.
नकारात्मकता दूर करने के लिए
सुबह गंगा स्नान के बाद मंदिर में जाकर शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें और लोटे में थोड़ा सा गंगाजल बचाकर घर लायें. इस जल को घर में छिड़कें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर की नकारात्मकता दूर होती हैं और धन आगमन में आ रही रुकावटें खत्म होती हैं.