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युद्ध में लक्ष्मण क्यों मेघनाद को मारने हुए थे असफल

मेघनाद सबसे बड़ा वीर था. उसने स्वर्ग में देवराज इंद्र से युद्ध किया और उन्हें बंधकर लंका ले आया था. ब्रह्माजी ने इंद्रजीत से दान के रुप में इंद्र को मांगा तब इंद्र मुक्त हुए थे. लक्ष्मण ने सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति का वध किया इसलिए वे सबसे बड़े योद्धा हुए क्योंकि इंद्रजीत का वध रावण से अधिक मुश्किल था. 

मेघनाद को वरदान था कि उसका वध वही कर सकता था जो 14 वर्षों तक न सोया हो, जिसने 14 साल तक किसी स्त्री का मुख न देखा हो और 14 साल तक किसी स्त्री का मुख न देखा हो और 14 साल तक भोजन न किया हो. जब माता सीता के आभूषम पहचानने को कहा गया लक्ष्मण जी सिवाय उनके पैरों के नूपुर के अलावा कोई आभूषण नहीं क्योंकि उन्होंने कभी भी उनके चरणों के ऊपर देखा ही नहीं. 

जब राम जी और माता एक कुटिया में सोते थे तो लक्ष्मण रात में बाहर पहरा देते. निद्रा ने उनकी आंखों पर कब्जा करने की कोशिश की तो उन्होंने निद्रा को अपने बाणों से बेध दिया था. जो फल-फूल लाते थे. रामजी उसके 3 भाग करते थे. एक भाग देकर रामजी उनसे कहते थे लक्ष्मण फल रख लो. 

उन्होंने कभी फल खाने को नहीं कहा - फिर बिना उनकी आज्ञ के लक्ष्मण फल खाते कैसे  ? लक्ष्मणजी की यह बातें सुनकर प्रभु श्रीराम ने उन्हें गले से लगा लिया यही वजह थी कि इन कठोर प्रतिज्ञाओं के कारण वह मेघनाद को मारने का साहसपूर्ण कार्य कर सके और वीर योद्धा कहलाए.