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स्वामी विवेकान्नद जी ने कहा है कि जो समाज गुरु द्वारा प्रेरित है, वह अधिक वेग से उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है. जीवन में एक मार्गदर्शक का होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि बिना मार्गदर्शन के मनुष्य भटक जाता है इसलिए जीवन में गुरू का होना बहुत जरूरी है. जो जीवन से अज्ञान रूपी अंधकार को हटाते हैं. गुरू कोई भी हो सकता है वह कोई सद्गुरु हो सकते हैं या फिर माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त और अध्यापक भी.
गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त करना संभव नहीं है और ना ही जीवन सार्थक हो सकता है इसलिए गुरु का हम सबके जीवन बहुत महत्त्व है. इस साल गुरू पूर्णिमा (24 जुलाई) कल मनाया जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सनातन धर्म के पहले गुरु महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास ने ही वेदों का ज्ञान दिया था. इसी कारण उन्हें सनातन धर्म में पहले गुरु का दर्जा दिया गया है.
गुरु का चित्र पूजा घर में रखना चाहिए ?
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की आराधना कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए. घर में गुरु का चित्र लगाना कितना उचित है? गुरु का चित्र हमें जागृत करने का माध्यम है. वैसे भी गुरु को देवी-देवताओं से ऊपर का दर्जा दिया गया है. इसलिए गुरु का चित्र पूजा घर में भगवान के बीचों-बीच रख सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार अगर वास्तव में आपके गुरु सद्गुरु हैं तो उनका चित्र रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.