1. उत्तराखण्ड में चारों धामों के कपाट बंद होने और देव डोलियों के शीतकालीन गददीस्थल में विराजमान होने के बाद शीतकालीन यात्रा का भी विधिवत आगाज हो गया है. अब देश-विदेश के भक्त शीतकालीन मंदिरों में आकार अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं. 2 पंच केदार शीतकालीन गददीस्थल और ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का विशेष माहात्म्य है. मान्यता है कि जो भक्त किसी कारणवश केदार और मदमहेश्वर भगवान के दर्शन नहीं कर पाता है, वह ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन करने से उसे पंच केदारों के दर्शन का लाभ अर्जित होता है. 3 अगर सब कुछ ठीकठाक रहा और कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो दिल्ली के बुजुर्ग पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब की भी यात्रा कर सकेंगे। दिल्ली सरकार बुजुर्गों को पाकिस्तान स्थित धार्मिक स्थल की भी यात्रा कराने की योजना बना रही है। सरकार ने इस बारे में रेलवे से जानकारी मांगी है। 4- चार धाम यात्रा की तरह ही अब उत्तराखंड सरकार पहली बार विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने का काम करेगी। साथ ही पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति व वहां की खाद्य वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम भी किया जाएगा। 5- झारखंड में स्थित श्री श्री बूढ़ा बाबा शिव मंदिर को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। यहां हर वो सुविधाएं मौजूद होंगी जो सैलानियों को आकर्षित करेंगी। 6- मध्य प्रदेष के हनुवंतिया द्वीप को सिंगापुर के सेंटोसा आइलैण्ड जैसा बनाने की तैयारी की जा रही है। खण्डवा जिले के पर्यटन स्थल हनुवंतिया में जल-महोत्सव 2021-22 का शुभारंभ किया ताकि इसे र्प्यटन के लिहाज से और बेहतर बनाया जा सके।
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