हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्त्व है यदि यह अमावस्या सोमवार, मंगलवार या शनिवार को पड़ती है तो इसका महत्त्व और बढ़ जाता है. आज मार्गशीर्ष मास की अमावस्या है जिसके कारण इस अमावस्या को शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है. शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है. शनि अमावस्या के दिन आप स्नान, दान के बाद कुंडली में व्याप्त शनि दोष के निवारण के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं. शनि देव की कृपा से आपको शनि की पीड़ा से राहत मिल सकती है और वे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी कर सकते हैं. शनि दोष से मुक्ति के उपाय 1. शनैश्चरी अमावस्या के दिन स्नान आदि से निवृत होकर व्रत रखें और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें। उनका सरसों के तेल एवं काले तिल से अभिषेक करें। शनि मंदिर जाकर उनके दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर उनसे शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें। 2. शनि दोष से मुक्ति के लिए आप शनैश्चरी अमावस्या को शनि मंदिर में पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें। 3. शनैश्चरी अमावस्या के दिन काले कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी और कौवों को खाना खिला सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। 4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते हैं। ऐसे में आप शनैश्चरी अमावस्या को हनुमान जी के मंदिर में चमेली के तेल वाला दीपक जलाएं एवं सिंदूर का चोला अर्पित करें। 5. शनि दोष से मुक्ति के लिए आप हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं। 6. गरीबों की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनैश्चरी अमावस्या के दिन आप पूजा के बाद गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल और कंबल आदि का दान कर सकते हैं।
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