1. छत्तीसगढ़ में स्थित मां बंजारी के प्राचीन धाम के अलावा 9 छोटे-बड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है। खास बात यह है कि मंदिर के आसपास लगे पेड़-पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। 2. मिश्र में मिले सूर्य मंदिर के बाद अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रात में बौद्ध काल के 2300 साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य बेशकीमती कलाकृतियां भी खुदाई में मिली हैं। 3. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बढ़ती ठंड का असर मंदिरों में भी दिखने लगा है। भगवान को ठंड से बचाने के लिए उन्हें ऊनी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। 4. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद अब काशी के उच्च शैक्षिक संस्थानों में श्री काशी विश्वनाथ धाम के स्वर्णिम इतिहास पर शोध किया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस के तहत विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मांगा गया है। 5. कुमाऊं में धार्मिक आस्था का प्रतीक चितई गोलू देवता मंदिर अब नए स्वरूप में नजर आएगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम 2 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर का करेगा कायाकल्प। 6. वाराणसी की सड़कों से भीड़ को कम करने के लिए गंगा के रास्ते श्री काशी विश्वनाथ धाम सहित प्रमुख गंगा घाटों को जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। नए साल में संत रविदास घाट तक जलमार्ग विकसित किया जाएगा इसके लिए गंगा में बकायदा ट्रैफिक प्लान भी लागू कर दिया जाएगा। 7. इस बार कल्पवास 17 जनवरी से शुरू होगा जिसमें बड़ी संख्या में संगम के किनारे धूनी रमाएंगे और भजन-पूजन में लीन रहेंगे। कल्पवास इस बार 30 दिनों तक चलेगा।
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