हिन्दू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता को पवित्र माना गया है। इसका पाठ करने से ज्ञान की प्राप्ति के साथ-साथ मन को भी शांति मिलती है। कहते हैं कि गीता के अठारह अध्यायों का नियमित अध्ययन करने से हमें हमारे जीवन की कई सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। आज की इस भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में बहुत ही कम लोगों के पास श्रीमद्भगवद्गीता को पूरा पढ़ने का समय होता है। अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं तो परेशान न हों, क्योंकि आज हम आपको ऐसे मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपको संपूर्ण श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने का फल मिल सकता है। श्लोक- 1 अहमेवासमेवाग्रे नान्यद यत् सदसत परम। पश्चादहं यदेतच्च यो वशिष्येत सो स्म्यहम श्लोक-2 ऋते र्थं यत् प्रतीयेत न प्रतीयेत चात्मनि। तद्विद्यादात्मनो माया यथा भासो यथा तम: श्लोक-3 यथा महान्ति भूतानि भूतेषूच्चावचेष्वनु। प्रविष्टान्यप्रविष्टानि तथा तेषु न तेष्वहम॥ श्लोक-4 एतावदेव जिज्ञास्यं तत्त्वजिज्ञासुनात्मन:। अन्वयव्यतिरेकाभ्यां यत् स्यात् सर्वत्र सर्वदा॥ इन मंत्रों का नियमित और विधि - विधान अनुसार जाप करने से जीवन में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
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