हिन्दू धर्म का अस्तित्व बहुत ही प्राचीन है। इसमें केवल देवी-देवताओं को ही नहीं, बल्कि वृक्षों, पशुओं आदि को भी विशेष स्थान प्राप्त है। उनसे सम्बंधित विशेष पर्व मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक पर्व है नाग पंचमी, जो कि सावन के महीने में मनाया जाता है। इस दिन नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से पापों का नाश होता है और साथ ही भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलता है। भगवान शिव को नाग अति प्रिय हैं। इसलिए नाग देवता वासुकी, भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पौराणिक काल से ही सर्पों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन, नाग देवता की पूजा व आराधना से आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। नाग पंचमी शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 13 मिनट से शुरू होगी और 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। नाग पंचमी पूजा महत्व पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, नाग देवता का बहुत महत्व है, क्योंकि नाग, भगवान शंकर के गले का आभूषण भी हैं और भगवान विष्णु की शैय्या। ऐसी मान्यता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ, नाग देवता की पूजा भी करते हैं, उनके जीवन से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है और वो अपने जीवन में खूब तरक्की करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान कराने, उनको दूध पिलाने और उनका पूजन करने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर पर नाग कृपा होती है और घर सुरक्षित रहता है। नाग पंचमी के दिन लोग, गाय के गोबर से अपने घर के दरवाजे पर सांप का चित्र बनाकर नाग देवता की पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है और साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि यदि इस दिन किसी व्यक्ति को नागों के दर्शन होते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जाता है। पूजन विधि नाग पंचमी में 12 नागों की पूजा की जाती है, जो इस व्रत के देव माने गए हैं। पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर स्थान दें और फिर पूजा करें। नाग देवता को हल्दी, रोली (लाल सिंदूर), चावल और फूल अर्पित करें। उसके बाद कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। पूजा के बाद आरती करें और नाग पंचमी की कथा सुनें। इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप नागपंचमी का व्रत रख रहे हैं तो चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें और पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करें।
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