उज्जैन: अगले साल यानि 2023 में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की सवारी का लाभ ज्यादा उठा पाएंगे। ऐसा अधिक मास होने के चलते हो रहा है। बाबा महाकाल की सावन महीने में निकलने वाली सवारी का इंतजार पूरी दुनिया को रहता है, जब गाजे-बाजे के साथ बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। भक्त भी मंदिर के गर्भगृह से निकल कर बाबा के दर्शन कर रोमांचित हो उठते हैं। पिछले 2 साल से कोरोना के चलते श्रद्धालु बाबा महाकाल की सवारी का दर्शन लाभ नहीं उठा पा रहे थे। महामारी का संकट टल जाने के बाद देशभर से भारी संख्या में भक्तगण अपनी आस्था और विश्वास लिए उज्जैन आ रहे है। सावन की सवारी को लेकर सभी के मन में खास उत्साह और उमंग भरा रहता है। फिलहाल अभी तक सावन की चार सवारियां निकल चुकी हैं, अब भादो मास की दो सवारियां निकलना बाकी है। इसी तरह हर साल कुल छह सवारियां निकलती है। जबकि अगले साल उत्साह और भी बढ़ जाएगा। 19 सालों के बाद 2023 में भादो के बाद अधिक मास का योग बन रहा है। इसके चलते हमेशा से इतर बाबा की कुल 10 सवारियां निकलेंगी। अधिक मास की चार, सावन की चार और भादौ की दो सवारियां मिलाकर भक्त कुछ 10 सवारियों का आनंद ले सकेंगे। इसमें उज्जैन के अन्य महादेव मंदिरों के स्वरूप को भी इन सवारियों में शामिल किया जाएगा। इस तरह सितंबर तक सवारियां रहेंगी। 2023 की सवारियों के क्रम इस तरह रहेंगे: • 10 जुलाई को पहली सवारी • 17 जुलाई को दूसरी सवारी • 24 जुलाई को तीसरी सवारी • 31 जुलाई को चौथी सवारी • 7 अगस्त को पांचवी सवारी • 14 अगस्त को छठी सवारी • 21 अगस्त को सातवीं सवारी • 28 अगस्त को आठवीं सवारी • 4 सितंबर को नौवीं सवारी • 11 सितंबर को अंतिम शाही सवारी
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