आज पूरा देश धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव मना रहा है । सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है और सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में जुटी हुई है । जन्माष्टमी के दिन देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा पहुंचते हैं हर बार की तरह इस बार भी मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया है आपको बता दें यहां गर्भगृह को कंस कारागार का रूप दिया गया है। सभी जानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण जिन्हें लोग उनके नटखट पन से कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव नामों से पुकाराते है। उन्हें भगवान विष्णु का 8वां अवतार माना जाता है। बात श्रीकृष्ण की हो तो देवभूमि कैसे अछूती रह सकती है। क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड में स्थित एक ऐसा कृष्ण मंदिर है जहां भगवान शिव राधा रूप में और मां पार्वती कृष्ण रूप में विराजमान हैं जी हाँ हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के कनखल की, मान्यता है कि कनखल स्थित राधा श्रीकृष्ण मंदिर में साक्षात शिव पार्वती विराजते हैं । यही नहीं यहां पर शिव कृष्ण नहीं बल्कि राधा के रूप में और पार्वती कृष्ण भगवान के रूप में विराजते हैं । इस मंदिर को सिद्ध और जागृत मंदिर माना जाता है। बता दें कि जन्माष्टमी के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है। वैसे तो गंगा के किनारे विराजने वाले राधा कृष्ण की पूजा की शुरुआत करने के लिए सभी दिन अच्छे हैं लेकिन माना जाता है कि माघ मास की अष्टमी के दिन से मंदिर में पूजा की चालीसा शुरू की जाए तो वह विशेष फलदाई होती है। बात अगर मंदिर की निर्माण की करें तो इस मंदिर का निर्माण लंढौरा रियासत की महारानी ने कराया था । मान्यता ये भी है कि महारानी धर्मकौर के सपने में भगवान श्रीकृष्ण आए थे और उन्हें गंगा किनारे कृष्ण मंदिर के निर्माण करने के लिए कहा था जिसके बाद कनखल में महारानी ने यह राधाकृष्ण मंदिर बनवाया ।
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