जयपुर: जयपुर स्थित जगतपुरा में श्री कृष्ण बलराम मंदिर में हरे कृष्ण के संस्थापक भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी की 126वी जयंती मनाई गई। शनिवार को मनाए गए इस जयंती के अवसर पर मंदिर में व्यास पूजा की गई। इस पूजा के अंतर्गरत हरि नाम का संकीर्तन और विभिन्न प्रकार के फूल एवं फलों के रस से अभिषेक किया गया तथा मंदिर की मनमोहक झाँकी भी सजाई गई थी। मंदिर के अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि प्रभुपाद जी ने 69 वर्ष की उम्र में देश से बाहर अमेरिका गए थे और पूरे विश्व में घूम घूमकर 108 श्री कृष्ण मंदिर की स्थापना की। उन्होंने 11 साल में पूरी दुनिया घूम इन मंदिरों का निर्माण करवाया। मंदिर के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि प्रभुपाद जी ने 14 बार पूरी दुनिया में भगवान श्री कृष्ण के भागवत गीता का प्रचार किया और लोगों को इसके बारे में जानकारी दी। नंद उत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन ही मनाया जाता है। शनिवार को हुए नंद उत्सव में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगवान कृष्ण को विशेष भोग अर्पित किए गए और साथ ही मधुर भजनों का गायन भी किया गया। इस उत्सव के अवसर पर महा संकीर्तन, श्रीकृष्ण लीलाओं पर आधारित नाट्य प्रस्तुति, अमनमोह झाँकी और महा आरती भी की गई। इस ख़ास अवसर पर श्रिल प्रभुपाद जी जीवन पर आधारित एक फ़िल्म का मंचन भी किया गया। नंद उत्सव के मौक़े पर भगवान श्री कृष्ण और बलराम को केक चढ़ाया गया और उसके बाद भक्तों को वितरित किया गया। भारत के अलग अलग शहर से आए युवाओं ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और शिक्षाओं पर विभिन्न नाटक प्रस्तुत किया। उनका मानना था की भागवत गीता पढ़ने के साथ साथ जीवन में लागू करने के लिए एक किताब है और इसके माध्यम से मन और शारीरिक दोषों को नियंत्रित किया जा सकता है। उनका मानना था कि जो इंसान सभी धर्म, संस्कृति और सभी जीवों से प्रेम करता है वह एक बेहतर व्यक्ति बनता है।
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