जयपुर: दिल्ली से लगभग 228 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐसा अनोखा मंदिर जहाँ बंदर बड़ी संख्या में रहते है। राजस्थान के जयपुर में 400 साल पुराना एक मंदिर जहाँ देश के कोने कोने से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर का नाम गलताजी मंदिर है। वैसे तो देश के लगभग हर मंदिर में बंदर देखने को मिल जाते है परंतु गलताजी मंदिर में बंदरों की संख्या कुछ ज्यादा ही है। हालाँकि बंदरों की संख्या वैष्णो देवी से लेकर बांके बिहारी मंदिर तक काफ़ी है लेकिन इस मंदिर के रास्ते में बहुत बड़ी तदात में बंदर दिखते है। इतनी संख्या में होने के बावजूद भी बंदर कभी श्रद्धालुओं को परेशान या नुक़सान नहीं पहुँचाते। बंदरों की भारी संख्या के वजह से यह मंदिर बंदर वाला मंदिर के नाम से मशहूर हो गया है। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के बीच काफ़ी मशहूर है और इसे एक पवित्र मंदिर के तौर पर पहचाना जाता है। इस मंदिर की ख़ूबसूरती बहुत ही मनमोहक है और इसका निर्माण गुलाबी चट्टानों से हुआ है। इस मंदिर की कारीगरी बहुत ख़ूबसूरत है। यह मंदिर अरावली पहाड़ियों के पास है और यहाँ सात कुंड है। इन कुंड में मौजूद जल बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस मंदिर के चारों तरफ़ जहाँ भी देखे हरियाली और चट्टाने ही नज़र आती है। इस परिसर में बहुत सारे मंदिर हैं हालाँकि की मुख्य मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी के अलावे यहाँ भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की मंदिर भी है। गलताजी मंदिर के इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर का निर्माण राजा सवाई जय सिंह के दरबार में स्थित दीवान ने करवाया था। मंदिर के चारों ओर दीवारें है। इसके अलावे पहाड़ियाँ और घनी झाड़ियाँ हैं। इस मंदिर की बात करें तो यह खम्बे और गोल छतों से सजा हुआ है जो देखने में काफ़ी ख़ूबसूरत लगती है। इस मंदिर में हिंदू देवी देवताओं और पौराणिक कथाओं के चित्र भी देखने को मिलते है। यहाँ इस मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं और सैलानियों का आना जाना लगा रहता है और इस मंदिर के पास सिसोदिया रानी का बाग है।
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