वृंदावन: श्री बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर और संचालन के लिए श्राइन बोर्ड के गठन की तैयारी की जा रही है और इसके लिए योजना जनपद स्तर तक की बना ली गई है। इस योजना को जल्दी ही प्रशासन के पास भेजा जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुए हादसे के बाद प्रशासन ने व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर गंभीर है। वर्तमान समय की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा मंदिर के विस्तार के लिए योजना बना ली गई है और इसी के अंतर्गरत कॉरिडोर निर्माण का भी प्रारूप तय किया गया है। मंदिर के विस्तार की बात करें तो बांके बिहारी मंदिर के आसपास के क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा साथ वीआईपी मार्ग तथा चार नम्बर गली को चौड़ा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए जो भी ख़र्च आएगा वह बांके बिहारी मंदिर के खज़ाने से लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि कॉरिडोर निर्माण में 248 करोड़ रुपए के खर्च का उपयोग ख़ज़ाने से इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। आपको बता दें की फ़िलहाल मंदिर का क्षेत्रफल 680 वर्ग मीटर है और प्रस्ताव दिया गया है कि निर्माणाधीन हॉल के आसपास 665 वर्ग मीटर को अधिग्रहण किया जाए। इसके अलावे मंदिर तक पहुँचने का मुख्य मार्ग जो विद्यापीठ से गली नम्बर चार और परिक्रमा मार्ग से मंदिर पहुँचने वाला वीआईपी मार्ग को चौड़ा किया जाएगा। बांके बिहारी जी का कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के तर्ज़ पर ही बनाया जाएगा। इन सब के अलावे कॉरिडोर निर्माण के साथ कुछ प्रश्न भी उठाया जा रहा है जो ठाकुर जी को भेंट किए जाने वाले राशि के बँटवारे को लेकर। इसके लिए पहले से तय की गई व्यवस्था को अव्यवहारिक बताते हुए श्राइन बोर्ड के तर्ज़ पर राष्ट्रीय स्तरीय ट्रस्ट बनाए जाने का भी सुझाव दिया गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यमुना के दूसरी ओर पार्किंग बनाए जाने की भी योजना बनाई गई है।
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