सुजानपुर: हिमाचल प्रदेश के विकास खंड सुजानपुर की ग्राम पंचायत बीड़ बगेहड़ा में भव्य अयोध्या धाम का निर्माण किया जाएगा। 11 पवित्र स्थानों या धामों की मिट्टी से इस धाम का निर्माण करवाया जाएगा इसके अलावे 11 नदियों के पानी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस धाम में भगवान श्रीराम की 30 फीट ऊँची मूर्ति का भी निर्माण किया जाएगा। बता दें की इस ख़ूबसूरत एवं भव्य धाम के निर्माण कार्य को शुरू कर दिया है। यहाँ स्थापित की जाने वाली प्रतिमाएँ पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ से लायी जाएँगी। बताया जा रहा है कि आने वाली नवरात्रि तक इस धाम का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। 50 लाख रुपए के ख़र्च से इस पूरे धाम का निर्माण किया जा रहा है। इस धाम के निर्माण में जो मिट्टी लगेगी वह निम्नलिखित पवित्र स्थानों से लायी जाएगी। अयोध्या (राम जन्म), जनकपुर, प्रयागराज, चित्रकूट (वर्तमान में मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के मध्य जहां राम भरत मिलन हुआ था), दंडकारण्य (छत्तीसगढ़ व उड़ीसा की सीमा पर), पंचवटी (नासिक), किष्किंधा (सुग्रीव मिलन वर्तमान में कर्नाटक के हड्डपी में), ऋषयमुख पर्वत (हनुमान जन्म), रामेश्वरम, लेपाक्षी (आंध्र प्रदेश, जहां जटायु से मुलाकात हुई) और शबरी का आश्रम (तुंगभद्रा नदी के किनारे केरल में)। इस पूरे धाम में भगवान राम व माता सीता के जन्म से लेकर उनके समा जाने तक के अलग अलग दृश्य व आकृतियाँ देखने को मिलेंगी। इस धाम का निर्माण इस तरीक़े से करवाया जा रहा की यह आस्था के साथ साथ पर्यटन का भी केंद्र बन सके। इसके अलावे इस धाम में भगवान हनुमान और माता सीता के अशोक वाटिका का दृश्य, नाल और नील द्वारा राम सेतु पुल का निर्माण, राम और रावण का वध, श्लोकी रामायण, राम सिंहासन आदि बनाए जाएँगे। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि अयोध्या का निर्माण 100 मीटर लम्बे और 30 चौड़े क्षेत्र में होगा। इस धाम में श्रीलंका के उस स्थान से पानी लाया जाएगा जहाँ रावण ने माता सीता को बंदी बनाया था। इसके अलावे रामायण से जुड़ी नदियों का भी पानी लाया जाएगा जिनमे गंगा, यमुना, सरस्वती, सरयू, मंदाकिनी, नर्मदा, गोमती, तुंगभद्रा, भागीरथी, गोदावरी से पानी लाकर उसका इस्तेमाल किया जाएगा।
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