गुनियालगांव (देहरादून): देश के प्रति अपने प्राणों का बलिदान देने वाले उन वीर सपूतों के सम्मान के लिए सैन्यधाम बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है,बता दे देश के प्रधानमंत्री की परिकल्पना है कि यह भूमि वीरों की है उन वीरों ने देश के प्रति खुद को समर्पित किया, जिसमे सेना का 17.5 % की पूर्ति उत्तराखंड जैसे छोटा राज्य कर रहा है, जिसको देखते हुए देवभूमि उत्तराखंड मे सैन्य धाम बनाने की घोषणा की गयी थी लेकिन मंजूरी मिलने पर सैन्यधाम का निर्माण कार्य अब शुरू हो चुका है,साथ ही इस धाम को 50 बीघा भूमि पर 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। देहरादून के गुनियालगांव में सैन्यधाम बनाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है, ख़ास बात यह है कि इस धाम को बनाने के लिए उत्तराखंड के चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लायी जाएगी, साथ ही करीब 1734 वीर शहीद सैनिकों के आंगन से कलश मे मिट्टी लायी जाएगी और इस मिट्टी की नींव यहाँ बनने वाली अमर जवान ज्योति मे रखी जाएगी। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम पूर्व सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जायेगा, और सैन्यधाम के आँगन में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर बनाया जायेगा। बता दे सैन्य धाम देवभूमि उत्तराखंड के बद्री, केदार, गंगोत्री और यमनोत्री के साथ ही पांचवे धाम के रूप में बनाया जा रहा है, और इस धाम का निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप मे किया जायेगा, यह धाम देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान भी होगा। सैन्यधाम मे शहीदों के नाम पर लाईट एण्ड साउण्ड शो के साथ साथ म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे, और शहीद सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान दिया जायेगा जिससे हमारे युवा आने वाले युगों-युगों तक इन शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। धाम के अतिरिक्त यहां इतिहास और शौर्य गाथाओं की झांकी भी सजाई जाएगी।
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