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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की मुख्य सुरंग हुई आर-पार, 500 से अधिक कर्मचारी लगे थें काम में

उत्तराखंड: उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धलुओं को जल्दी ही खुशखबरी मिलने वाली है. बन रहे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की पहली एस्केप टनल तैयार हो गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस रेल परियोजना के पैकेज 7 ए के पोर्टल 2 में मुख्य सुरंग को ब्रेक थ्रू किया गया है. इस परियोजना में यह पहली मुख्य सुरंग है जिसको ब्रेक थ्रू किया गया है. इस सुरंग के कार्य को लगभग डेढ़ साल से किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि इस सुरंग को 520 दिन में पूरा कर लिया गया है. इस कार्य को पूरा करने में 500 से अधिक इंजीनियर, एक्सपर्ट और वर्कर दिन-रात लगे हुए थें.

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में नरकोटा से खांकरा के बीच पहला ब्रेक थ्रू कर एस्केप टनल को आर-पार किया गया. ब्रेक थ्रू होने के बाद काम कर रहे कर्मचारियों  के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ उठी थी. रेल परियोजन के पूरा होने के बाद चारधाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी. गंगोत्री, यमुनोत्री,केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग आने में सिर्फ 2 घंटे का वक़्त लगेगा.

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को बनाने में कुल 16216 करोड़ रुपये के खर्च आने की उम्मीद की जा रही है. इस रेल परियोजना की कुल लम्बाई 126 किलोमीटर है. 126 किलोमीटर लंबे इस परियोजना में 105 किलोमीटर में 17 सुरंगे बनाई जानी है. इन 17 सुरंगों में सबसे लम्बी सुरंग 14.08 किलोमीटर की देवप्रयाग से जनासु के बीच तो सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर की सिवाई से कर्णप्रयाग के बीच होगी. 17 सुरंग में 11 सुरंग ऐसी होगी जिसकी लम्बाई 6 किलोमीटर से अधिक की होगी. 126 किलोमीटर लंबे इस रेल परियोजना में कुल 13 स्टेशन का निर्माण होगा. इसके तहत वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासु, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग (सेवई) में स्टेशन बनाये जायेंगे.