काशी : बनारस को पर्यटन के विश्वपटल पर लाने के लिए आए दिन सरकार की ओर से कोई न कोई कदम उठाया जा रहे हैं. काशी का विकास मॉडल अभी पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि बनारस में रोपवे सेवा को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह इस्तेमाल की लाए जाने की योजना बनाई जा रही है. ऐसा भारत में पहली बार होगा कि लोग किसी रोपवे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके अलावा देश में पहली बार मिनी लग्जरी क्रूज का संचालन भी किया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि चलाई जाने वाली यह मिनी लग्जरी क्रूज पूरे तरीके से सौर उर्जा पर आधारित होगी.
मिनी लग्जरी क्रूज को चलाने के पीछे की वजह गंगा में प्रदूषण को कम करना है. हालाँकि बता दें कि वाराणसी में पहले से अलकनंदा क्रूज चल रही है जिसके बाद मिनी लग्जरी क्रूज को चलाई जाएगी. सोलर क्रूज को विशेष तौर पर उनके लिए चलाया जाएगा जो दर्शनार्थी काशी विश्वनाथ धाम का दीदार करना चाहते हैं. गंगा में क्रूज चलाने को लेकर सरकर को प्रस्ताव भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि नमो घाट और संत रविदास घाट से दो मिनी क्रूज का संचालन किया जाएगा. सरकार को भेजे गए प्रस्ताव की मंजूरी मिलते ही दर्शनार्थियों के लिए क्रूज का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि काशी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पहले से गंगा में सीएनजी बोट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट लिए शहर की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं. इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का प्रयोग भी होने जा रहा है, वाराणसी ऐसा करने वाला देश का पहला शहर भी बनेगा. सौर ऊर्जा से चलने वाली मिनी लग्ज़री क्रूज भी पर्यावरण संरक्षण में काफी सहायक होगा. पंद्रह से बीस किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्त्तार से चलने वाली इस क्रूज में एक बार में करीब 25 से 30 लोग सवार हो सकेंगे. बताया जा रहा है कि पूरा क्रूज वातानुकूलित होगा, इसके साथ ही इसमें कैफेटेरिया और बायो टॉयलेट भी होंगे इसके साथ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मानकों का भी पालन किया जाएगा.