वाराणसी : वाराणसी में गंगा उफान पर है और गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट पर होने वाली आरती का स्थान बदल दिया गया है. लगातार घट-बढ़ रहे गंगा के जलस्तर को देख काशी के लोग बेहद ही हैरान हैं. बता दें बीते दिनों गंगा के जलस्तर में एक मीटर की वृद्धि देखी गई जिसके बाद घाट पर आने वाले पुजारी, दुकानदारों को अपने वास्तविक जगह को छोड़ ऊपर आना पड़ा. लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन द्वारा गंगा में नाव के संचालन पर रोक लगा दी है.
वाराणसी में घटते-बढ़ते जलस्तर की वजह से पिछले दो महीने में तीसरी बार नाव के संचालन पर रोक लगाई गई है. नाव संचालन पर लगी पाबन्दी नाविकों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. कार्तिक के महीने में नाविकों की अच्छी कमाई हो जाती थी पर अब नाव के संचालन पर लगी रोक की वजह से उन्हें घर खर्च चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस साल वैसे तो वाराणसी में उम्मीद से आधी बारिश हुई है परन्तु वाराणसी के आसपास हुई बारिश की वजह से गंगा में उफान है. केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा के जलस्तर में एक मीटर की वृद्धि देखने को मिली है. उत्तराखंड,पश्चिमी यूपी, कानपुर और लखनऊ में हुई भारी बारिश की वजह से गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है. बीते दो दिनों से घाट की करीब 10 सीढियाँ डूब चुकी हैं.जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से घाटों के बीच आपसी जुड़ाव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आने वाले सैलानियों के बीच भी उदासी का माहौल है. बनारस के घाट का आनंद लेने आने वाले सैलानियों को एक घाट तक ही सीमित होकर रहना पड़ रहा है.
इस वर्ष मानसून के दौरान गंगा में पांचवीं बार पानी की बढ़ोतरी देखी गई है. गौरतलब है कि 8 नवम्बर को बनारस के घाटों और रेतों पर देव दीपावली मनाई जानी है परन्तु पूरा रेतीला क्षेत्र पानी में डूबा हुआ है जो देव दीपावली के आयोजकों के बीच का चिंता का विषय बना हुआ है. 8 नवंबर को 10 लाख दीये जलाए जाने हैं लेकिन घाटों पर अभी सब कुछ जलमग्न है.