उज्जैन: प्राचीन हनुमान मंदिर में धूम धाम से हनुमान अष्टमी महोत्सव मनाए जाने की योजना है। 16 दिसंबर को ये महोत्सव यहां बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाएगा। पूरे देश में सिर्फ उज्जैन में स्थित प्राचीन बाल हनुमान मंदिर में ही हर साल हनुमान अष्टमी महोत्सव का आयोजन होता है, जो यहां पूरे धूम धाम के साथ मनाया जाता है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी हनुमान अष्टमी के नाम से जानी जाती है और यह त्यौहार विशेष तौर पर उज्जैन में ही मनाया जाता है। ये पर्व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में आरंभ होता है और आयुष्मान योग के साथ इसका समापन होता है। कुछ विशेष ग्रंथों में पौष मास में होने वाली हनुमान साधना का विशेष महत्व बताया गया है।
श्री हनुमान अष्ठमी के संयोजक श्री रामकथा व्यास सुलभ शांतु गुरु ने बताया कि नौ दिनों तक चलने वाले श्री हनुमान अष्टमी महोत्सव का शुभारंभ गुरूवार को बाल हनुमान जी के श्रृंगार के साथ आरम्भ हो गया है। मंदिर के प्रांगण में श्री रामचरितमानस जी की पोथी जी का पूजन विधि विधान के साथ किया गया है। पूजन के बाद नौ दिनों तक चलने वाले अखण्ड रामायण का पाठ आरम्भ हो चूका है। श्री महाकाल महाराज द्वारा रचित इस मानस की चौपाइयों महोत्सव के दौरान महाकाल को ही समर्पित कि जाएगी। बाबा महाकाल के आराध्य प्रभु श्रीराम की लीला 9 दिनों तक महाकाल के आँगन में गूंजेगी।
15 दिसंबर गुरुवार को हनुमान अष्टमी के पर्व पर शाम के समय बाल हनुमान जी का दिव्य और अलौकिक श्रृँगार किया जाएगा। 16 दिसंबर शुक्रबार को सुबह 9 बजे आरती के समय भोग प्रसाद में बेसन के लड्डुओं को महाभोग लगाया जाएगा। दोपहर दो बजे नौ दिवसीय अखण्ड रामायण पाठ की पूर्णाहुति होगी। शाम सात बजे हनुमान जी महाराज की मुख्य आरती होगी और आरती के बाद महाप्रसाद का आयोजन बाल हनुमान मंदिर में रहेगा।
(रमन शर्मा)