कोरोना को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस बाबत निर्णय लिया है। प्रत्येक वर्ष मेला का आयोजन इसी विभाग के द्वारा किया जाता है। 18 अगस्त को विभाग द्वारा जनहित में पितृपक्ष मेला स्थगित रखने की बात कही गई है।
इस बार 2 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला था। लेकिन, कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पहले ही राज्य सरकार ने 6 सितंबर तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। भूमि राजस्व विभाग ने अपनी चिट्ठी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय और बिहार सरकार के गृह विभाग के आदेश का जिक्र किया है। बताया गया है कि भारत और राज्य सरकारों के आदेश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। आदेश में बताया गया है कि कोविड-19 के कारण पितृपक्ष मेला में आने वाले पिंडदानियों द्वारा सामाजिक दूरी के अनुपालन में होने वाली कठिनाइयों और संभावित संक्रमण को देखते हुए जनहित में पितृपक्ष मेला 2020 को स्थगित किया गया है।
6 लाख से ज्यादा आते हैं पिंडदानी
हर साल गया जी में छह लाख से ज्यादा पिंडदानी पितरों को मोक्ष दिलाने आते हैं। गया में एक महीने तक मेला लगा रहता है। पंडा जी का एक बड़ा वर्ग पूरे साल पिंडदानियों का इंतजार करता है। बड़ी संख्या में लोग एक महीने तक यहां रहकर पिंडदान करते हैं। ऐेसे में यहां व्यापार भी बढ़ता है और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। लेकिन, इस साल मेला आयोजित नहीं किए जाने से हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा।
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