1 दिसंबर से अंग्रेजी कैलेंडर का आखिरी महीना और हिंदू पंचांग का नौवां महीना अगहन शुरू हो गया है। इस पूरे महीने तीर्थ और नदियों में स्नान करने के साथ ही श्रद्धानुसार दान करने की परंपरा है। 11 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी और 14 को सोमवती अमावस्या पर ही सूर्यग्रहण भी रहेगा। लेकिन भारत में नहीं दिखने पर इसका सूतक भी नहीं लगेगा। इसके बाद 16 से खरमास शुरू हो जाएगा। जो कि 15 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ काम नहीं किए जाएंगे।
उत्पन्ना एकादशी 11 को
11 दिसंबर को अगहन महीने के कृष्णपक्ष की एकादशी है। पद्म पुराण के मुताबिक इस दिन एकादशी तिथि उत्पन्न हुई थी। यानी एकादशी की शुरुआत हुई थी। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत के साथ ही दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
सोमवती अमावस्या 14 को
सोमवार को अमावस्या तिथि होने से सोमवती अमावस्या का संयोग बनता है। इस संयोग पर पितर चंद्रमा की कला का पान करते हैं। इसलिए ग्रंथों में इस संयोग को पर्व भी कहा गया है। इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए पूजा और तर्पण किया जाता है।
16 से शुरू होगा खरमास
काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक सूर्य के धनु राशि में आने से खरमास शुरू होता है। ये हर साल 15 या 16 दिसंबर को शुरू होता है। जो 14-15 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ खत्म होता है। दक्षिणायन का आखिरी महीना ही खरमास होता है। इस तरह मकर संक्रांति से देवताओं का दिन शुरू हो जाता है।