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सर्दियों में बथुए का रायता नहीं खाया तो क्या खाया है। बथुआ का साग जितना खाने में टेस्टी होता है। उतना ही ये स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। बथुआ शरीर को गर्म रखता है। इसके अलावा इसका सेवन करने से कई बीमारियां दूर भागती हैं। बथुआ में विटामिन ए की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसके साथ – साथ इसमें विटामिन डी, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम भी काफी मात्रा में होती है। कई बीमारियों को दूर करने के लिए बथुए का प्रयोग किया जाता है। भारत के साथ-साथ ये अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है।आइये जानते है बथुआ के साग के फायदे –
चुस्ती लाए
पोषक तत्वों की खान बथुआ में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि समस्त तत्व पाए जाते हैं। इसलिए बथुए का नियमित प्रयोग शरीर को चुस्ती-फुर्ती और ताकत प्रदान करता है।
हीमोग्लोबिन की कमी दूर करे
बथुआ में आयरन और फोलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में सहायक है। बथुआ महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता से राहत पाने में भी लाभप्रद है।
पथरी की समस्या
इसी तरह पथरी (स्टोन) की समस्या में भी बथुआ खाना लाभप्रद है। यही नहीं किडनी में इन्फेक्शनऔर किडनी में स्टोन की समस्या में भी बथुआ फायदेमंद है।
कब्ज की समस्या
बथुआ आमाशय को ताकत देता है, कब्ज दूर करता है, बथुए की सब्जी दस्तावर होती है, कब्ज वालों को बथुए की सब्जी नित्य खाना चाहिए।
पीलिया में फायदेमंद
बथुआ के साग का सेवन पीलिया के मर्ज में लाभप्रद है। बथुआ पीलिया से बचाव में भी लाभप्रद है।
पेट के लिए लाभप्रद
बथुआ के नियमित सेवन से हाजमा सही रहता है। यह पेट दर्द में भी लाभप्रद है।
जोड़ो के दर्द में लाभप्रद
बथुआ शरीर के विभिन्न जोड़ों के दर्द में लाभप्रद है। इसलिए जो लोग जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं, उन्हें बथुए के साग का सेवन करना चाहिए।
पेशाब के रोग
मूत्राशय, गुर्दा और पेशाब के रोगों में बथुए का साग लाभदायक है। पेशाब रुक-रुककर आता हो, कतरा-कतरा सा आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुल कर आता है।