अगले साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले पर भी कोरोना का असर रहेगा। इस महामारी से बचाव के लिए पहली बार मेले में सामान्य घाटों के साथ प्राकृतिक घाटों का भी उपयोग किया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लाखों लोगों को स्नान कर सकें। अस्थायी रूप से बनाए जाने वाले इन घाटों को प्लास्टिक से बनाया जाएगा। मेले में तीन बड़े कोविड केयर सेंटर भी बनाए जाएंगे।
अस्थायी घाटों पर सुरक्षा के लिए डीप वॉटर बेरिकेडिंग होगी। प्रत्येक बेरिकेडिंग चार मीटर के दायरे में होगी। इनमें पानी का स्तर चार फीट से ज्यादा नहीं रहेगा, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रहकर आसानी से स्नान कर सकें। वहीं, मेला क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए इस बार तीन जगहों पर सिर्फ पांच अस्थायी लिंक ब्रिज बनाए जाएंगे। पिछले कुंभ मेले में 18 जगह पर 32 पुल बनाए गए थे।
जनवरी तक बन जाएंगे अस्थायी पुल
मेले में बनने वाले अस्थायी पुल मेला क्षेत्र की मुख्य पार्किंगों को अलग-अलग स्थानों से जोड़ने के लिए बनाए जाते हैं। अब दो मोटर पुल बैरागी कैंप से गौरीशंकर को जोड़ने के लिए बनेंगे और दो पुल नीलधारा से चंडीघाट को जोड़ने के लिए। चंडी देवी रोपवे के पास से गौरीशंकर को जोड़ने के लिए पैदल पुल बनाया जाएगा। सभी पुल जनवरी तक बना लिए जाएंगे।