भगवान जगदीश मेवाड़ की आस्था के केंद्र हैं। श्रद्धालुओं को उनके दर्शन आसानी से मिल सके इसके लिए उनके 20 साल पुराने रथ का नवीनीकरण किया जा रहा है। बता दें कि भगवान जगदीश की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर हर साल निकलती है। रथ के स्वरूप बदलने की तैयारी जगदीश मंदिर में शुरू हो गई है, इसमें करीब 6 महीने का वक्त लगेगा। रथ के नवीनीकरण में 35 लाख रुपये की लागत आएगी। भगवान के रथ को अब 49 की बजाय 70 किलो चांदी से सजाया जाएगा। हालांकि रथ की लंबाई, चैड़ाई और ऊंचाई में कोई बदलाव नहीं होगा।
भगवान जगदीश के रथ की लंबाई 16 फीट, ऊंचाई 17.5 फीट और चैड़ाई 8 फीट ही रहेगी। रथ के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण में 23 किलो चांदी का भी उपयोग किया जाएगा। रथ समिति के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि रथ में तकनीकी खामियों को दूर करने के साथ इसकी मरम्मत की जा रही है। गुंबद और छत सहित क्षतिग्रस्त भागों को बदला जाएगा। रजत रथ को खींचने वाले हाथी-घोड़े आदि में बदलाव नहीं होगा। इसके अलावा दर्शनार्थियों की सुरक्षा और सुलभ दर्शन के लिए विभिन्न बदलाव किए जाएंगे।
मुख्य रूप से प्रभु के सिंहासन को ऊंचा करने के लिए नींव की ऊंचाई 1 फीट तक बढ़ाई जाएगी। साथ ही रथ के पहियों में लगी खुली हुई राॅड को भी 6 इंच अंदर कर ढंक दिया जाएगा। नक्काशी में भी बदलाव होगा, रथ के खंभों को खास हैदराबादी डिजायन से तैयार करवाया जा रहा है।