पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी के रूप में मनाए जाने की परंपरा है। उज्जैन के विभिन्न हनुमान मंदिरों में आज भगवान हनुमान को श्रृंगारित कर छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जा रहा है। महाकाल मंदिर में आज सुबह की भस्मारती में बाबा महाकाल का हनुमान स्वरूप में श्रृंगार किया गया। पंडा समिति के अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि उज्जैयिनी से भगवान हनुमान का विशेष इतिहास जुड़ा है। जब अयोध्या में यज्ञ हुआ तो उज्जैयिनी के कोटि तीर्थ का जल लेकर भगवान हनुमान जी गए। देश भर के मंदिरों में हनुमान जी हाथ में पर्वत उठाए हैं लेकिन उज्जैन में ही अकेला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी हाथ में कलश लिए हैं।
उन्होंने बताया कि हनुमान जी का जो स्वरूप है वह शंकर है। हनुमान भगवान शंकर के अंश हैं। इसीलिए आज भस्मारती में भगवान महाकालेश्वर को हनुमान स्वरूप में ही श्रृंगार किया गया है।