Bhagavad Gita 2-30 Copy url Share 6165Views Bhagavad Gita 2-30 | तुम्हें किसी भी जीव के लिए शोक करने की आवश्यकता नहीं है Bhagavad Gita 2-30 | तुम्हें किसी भी जीव के लिए शोक करने की आवश्यकता नहीं है