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कौन पोंछेगा तुम्हारे आँखों के आँसू, यहां सबका दामन गीला है
देखिए और आनंद लीजिए साध्वी ऋचा मिश्रा जी के सदुपदेशों का - कौन पोंछेगा तुम्हारे आँखों के आँसू, यहां सबका दामन गीला है। कोई तन से दुखी, कोई मन से दुखी, कोई धन बिन रहत उदास, थोड़े-थोड़े सब दुखी, सुखी राम के दास।