Sanskar

किसी भी व्यक्ति की सहनशीलता एक खिंचे हुए धागे की तरह होती है एक सीमा से अधिक खींचे जाने पर उसका टूटना तय है

किसी भी व्यक्ति की सहनशीलता एक खिंचे हुए धागे की तरह होती है एक सीमा से अधिक खींचे जाने पर उसका टूटना तय है