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आनंद तुम्हारा अधिकार है, आनंद तुम्हारा स्वरूप है
देखिए परम पूज्य भाईश्री जी के सदुपदेश - आनंद तुम्हारा अधिकार है, आनंद तुम्हारा स्वरूप है, मरते मरते जीने के लिए पैदा नहीं हुए हो तुम, तुम उत्सव मनाने आए हो।