Sanskar

दूसरों की निंदा करके किसी को कुछ नहीं मिला जिसने अपने आप को सुधारा उसने बहुत कुछ पाया

दूसरों की निंदा करके किसी को कुछ नहीं मिला जिसने अपने आप को सुधारा उसने बहुत कुछ पाया