किसी मंदिर या धार्मिक जगह पर जाने से लोगों को मानसिक शांति की अनुभूति होती है। हमारे देश में ऐसे अनेक मंदिर हैं जहां पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इन मंदिरों में पुरुषों को कुछ खास दिनों में ही प्रवेश की अनुमति है। आज हम आपको भारत के ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं।
1. कन्याकुमारी में कुमारी अम्मन मंदिर
कन्याकुमारी में स्थित कुमारी अम्मन मंदिर के गर्भगृह में मां भगवती दुर्गा की प्रतिमा है। यहां ब्रह्मचारियों और संन्यासियों को केवल मंदिर के द्वार तक प्रवेश करने की अनुमति है। हालांकि शादी-शुदा पुरुषों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से भी रोक दिया जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। मंदिर में केवल महिलाएं ही जाती हैं। कन्याकुमारी के इस मंदिर में भगवती के कन्या रूप की पूजा होती है.
2. बिहार में राजराजेश्वरी माता मंदिर
बिहार के मुजफ्फरपुर का माता मंदिर आम तौर पर सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला होता है। लेकिन माना जाता है कि मंदिर में विराजमान षोडशी देवी कुमारी कन्या हैं। वह महीने में 4 दिन रजस्वला (पीरिएड्स) में होती हैं। इस दौरान कोई भी पुरुष मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता है। यह नियम इतनी सख्ती से पालन होता है कि मंदिर के पुजारी को भी इस दौरान गर्भगृह में रहने की अनुमति नहीं है। इस मंदिर की गिनती बिहार के प्रमुख शक्तिपीठों में होती है।
3. केरल में अट्टुकल भगवती मंदिर
केरल में स्थित अट्टुकल भगवती मंदिर में महिलाओं का वर्चस्व है। इस मंदिर में हर साल पोंगल का खास त्योहार मनाया जाता है। इस मंदिर में लाखों महिला श्रद्धालु हिस्सा लेती हैं। यह कार्यक्रम करीब 10 दिन तक चलता है, जिसे नारी पूजा के नाम से भी जानते हैं। इस दौरान यहां पुरुषों का प्रवेश विशेष तौर पर वर्जित होता है। इसका गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। यहां के पुरुष पंडित दिसंबर के महीने में महिलाओं के लिए दस दिन का उपवास रखते हैं और पहले शुक्रवार को महिला श्रद्धालुओं के पैर धोते हैं। इस दिन को धनु कहा जाता है।