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कोरोना संकट के बीच बरसाने में बेखौफ होकर श्रद्धालुओं ने खेली लड्डू होली

 
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलो के बीच सोमवार को बरसाना के प्रमुख श्रीजी मंदिर में धूम-धाम से लड्डू होली खेली गई. भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि बृज में होली का त्योहार एक हफ्ते पहले शुरू हो जाता है. हर दिन अलग-अलग तरीके से होली खेली जाती है. जिसका अपना – अपना महत्व है. लड्डू होली का बृज में विशेष महत्त्व है. इस दिन नंदगांव के हुरियारों को न्यौता देकर पांडा बरसाना लौटता है, जिसका सभी लड्डू फेंककर स्वागत करते हैं. श्री राधा-कृष्ण के भक्तों को कोरोना संक्रमण भी रोक नहीं पाया. श्रद्धालुओं ने जम कर लड्डू होली का आनंद लिया.
 
बृज में लट्ठमार होली की परम्परा बेहद प्राचीन है और बरसाना को इसका केंद्र माना जाता है. बरसाने की लट्ठमार होली के विश्व प्रसिद्ध होने की वजह है इसका परंपरागत स्वरूप. बरसाने की हुरियारिनो से होली खेलने के लिए नंदगांव के हुरियारे आते हैं और इसके लिए बाकायदा एक दूत न्यौता देने नंदगांव पहुंचता है. इस दूत को यहां पांडा कहा जाता है और जब ये पांडा लौटकर बरसाने के प्रमुख श्रीजी मंदिर पहुंचता है तो यहां मंदिर में सभी गोस्वामी इकठ्ठा होकर उसका स्वागत करते है और बधाई स्वरूप पांडा पर लड्डू फेंकते हैं.
 
इसके बाद मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्त भी पांडा के ऊपर लड्डू फेंकते हैं, जिसे हम सभी लड्डू होली के नाम से जानते हैं. इस होली में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त बरसाना पहुंचते हैं और लड्डू होली का आनंद उठाते हैं. होली को लेकर जिला अधिकारी मथुरा नवनीत सिंह चहल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कोरोना वायरस के चलते तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं. हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे मास्क लगाकर आएं.
 
बरसाने के लाडली मंदिर में भी लड्डू होली खेली गई. इसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े, जिसमें श्रद्धालु पर पहले से राधारानी मंदिर के सेवायत द्वारा लड्डू फेंककर होली की शुरुआत की जाती है. इसके बाद श्रद्धालु अपने साथ लाए लड्डू एक-दूसरे पर मारकर होली का आनंद लेते हैं और नाचते-गाते हैं, गुलाल उड़ाते है, होली के रंग में रंग जाते हैं.
 
एक तरफ ब्रज में होली के लिए आने वाले श्रदालु अपने को सौभाग्यशाली मान रहे हैं. तो वही कान्हा के संग मयूर लीला का मंचन करने वाले कलाकार भी ब्रज में अपनी प्रस्तुति को अपने लिए सौभाग्य का पल बताते है. श्रद्धालुओं का कहना है कि बरसाना में राधा-कृष्ण के प्रेम की बरसात हो रही है और कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.