पूरा देश कोरोना महामारी के चलते संकट से जूझ रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने इस संकट के समय में कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है. केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन द्वारा जारी की गई नई एडवाइज़री में कहा गया है कि शारीरिक दूरी और मास्क के उपयोग के अलावा, वेंटिलेशन से संचरण के जोखिम को कम किया जा सकता है. गाइडलाइन्स में कहा गया है कि मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन किया जाए और घरों में हवा के आने-जाने की व्यवस्था हो.
सरकार ने कहा है कि घरों में हवा आने-जाने की समुचित व्यवस्था होने से वायरल लोड कम होता है, जबकि जिन घरों, कार्यालयों में हवा के आने-जाने का उचित प्रबंध नहीं होता, वहां वायरल लोड ज्यादा होता है. हवादार स्थान होने के कारण संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने का जोखिम कम हो जाता है. जिस तरह खिड़की-दरवाजे खोलने से हवा के जरिए महक हल्की हो जाती है, उसी तरह एक्जॉस्ट प्रणाली, खुले स्थान और हवा के आने-जाने की व्यवस्था से हवा में व्याप्त वायरल लोड कम हो जाता है और संक्रमण का जोखिम घट जाता है.
सरकार ने कहा है कि शहरों और गांवों, दोनों जगह ऐसे स्थानों को हवादार बनाने के उपाय तुरंत किये जाने चाहिए. इसी तरह घरों, कार्यालयों, कच्चे घरों और विशाल इमारतों को भी हवादार बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए. पंखों को सही जगह लगाना, खिड़की-दरवाजे खोलकर रखना बहुत सरल उपाय हैं. अगर थोड़ी सी भी खिड़की खोलकर रखी जाए, तो उतने भर से ही बाहर की हवा मिलेगी और भीतर की हवा की गुणवत्ता बदल जाएगी. क्रॉस-वेंटीलेशन और एक्जॉस्ट फैन से भी रोग के फैलाव को रोका जा सकता है.
जिन बड़ी इमारतों में हवा के लिये कोई प्रणाली लगी हो, वहां हवा को साफ रखने और हवा के बहाव को बढ़ाने के लिये फिल्टर लगाये जाने चाहिये. इससे बाहर से सीमित मात्रा में आने वाली हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है. दफ्तरों, प्रेक्षाग्रहों, शॉपिंग मॉल आदि में गेबल-फैन प्रणाली और रौशनदानों की सिफारिश की जाती है. फिल्टरों को लगातार साफ करना चाहिये और जरूरत हो, तो उन्हें बदल देना चाहिये. यह बहुत जरूरी है.
कोविड वारयस हवा के जरिये फैलता है. जब कोई संक्रमित बोलता, गाता, हंसता, खांसता या छींकता है, तो वायरस थूक या नाक के जरिये हवा में तैरते हुये स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं. संक्रमण के फैलने का यह पहला जरिया है. जिन व्यक्तियों में रोग के कोई भी लक्षण न हों, उनसे भी इसी तरह संक्रमण फैलता है. ये लोग वायरस फैलाते हैं. इसलिये लोगों को दो मास्क या एन 95 मार्का मास्क पहनना चाहिये.
कोविड-19 का वायरस मानव शरीर में घुसकर अपनी तादाद बढ़ाता जाता है. अगर उसे मानव शरीर न मिले, तो वह जीवित नहीं रह सकता. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण को रोकने से विषाणु मर जाता है. यह काम व्यक्तियों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों के सहयोग और समर्थन से संभव हो पायेगा. मास्क, हवादार स्थान, सामाजिक दूरी और स्वच्छता ऐसे हथियार हैं, जिनसे हम वायरस के खिलाफ जंग जीत सकते हैं.