भारत में अभी तक जितने भी मंदिर है वहां पर पुरुष पूजारी ही देखे गए हैं. अगर इतिहास के पन्नों को भी पलटा जाए तो शायद ही कोई महिला पुजारी मंदिरों की सेवा करती होगी. लेकिन अब ऐसा होने जा रहा है. तमिलनाडु सरकार ने महिलाओं को आगम शास्त्र का कोर्स देने की घोषणा की है. इस कोर्स के बाद महिलाएं राज्य के मंदिरों में पुजारी के रुप में नियुक्त की जाएगी.
राज्य के धार्मिक और धर्मार्थ सहायता विभाग के मंत्री शेखर बाबू ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जो महिलाएं मंदिरों में पुजारी बनना चाहती हैं वे इसके लिए आवेदन कर सकती हैं. इससे पहले उन्हें पुरोहित बनने के लिए आवश्यक कोर्स करना होगा, जिसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी.
इसके आगे उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मंजूरी मिलने के बाद, उन्हें ट्रेनिंग कोर्स के लिए ऑफर किया जायेगा. कोर्स सुचारू रूप से समपन्न होने के बाद उनकी नियुक्ति पुजारी के रूप में की जाएगी.
वहीं तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि पुराने समय से ही सभी जातियों के लोग, पुरुष और महिलाएं तमिलनाडु के मंदिरों में पुजारी रहे हैं. पुराने समय में महिलाओं को आगम शास्त्रों का ज्ञान हुआ करता था. मेलमरुवथुर आदिपरशक्ति मंदिर में महिलाएं पहले से ही पूजा कर रही हैं.
आगम शास्त्र क्या है?
आगम शास्त्र हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है. इसमें मंदिर की जमीन से लेकर उसके नींव और उसके शिखर तक के नियम दिए गए हैं. आगम शास्त्र के अनुसार, बहुत पुराने समय में जो बड़े मंदिर बनाए गए थे उन्हें छोड़कर, पिछले 100 सालों में स्थापित छोटे मंदिर आगम मंदिर नहीं हैं. वे इन मंदिरों से मार्गदर्शन ले सकते हैं.