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एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया डेल्टा प्लस के खतरे से बचने का तरीका

 
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जो तबाही मचाई है उसकी भरपाई शायदी ही हो पाए. अभी लोग कोरोना की दूसरी लहर के सदमें से बाहर नहीं आए और तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है. कोरोना संक्रमण का डेल्टा प्लस वेरिएंट दुनियाभर में तेजी फैल रहा है. इसके 80 के करीब मामले भारत में भी पाए गए हैं. खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते खतरे पर दिल्ली एम्स के निर्देशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इससे बचने के लिए लॉकडाउन, वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल कों मजबूत हथियार बताया है.
 
उन्होंने कहा कि, 'यह कहना अभी मुश्किल है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में कोई समस्या पैदा कर रहा है, लेकिन दुनियाभर में जिस तरह से कोरोनावायरस के डेल्‍ट प्‍लस वेरिएंट बढ़ रहा रहा है उसे देखते हुए हम सुरक्षा नियमों से समझौता नहीं कर सकते हैं. हमें कोरोना वायरस को लेकर दर्ज किए गए उन सभी मामलों पर पैनी नजर रखने की जरूरत है, जहां इसमें किसी भी तरह की बढ़ोतरी देखी जाती है. हमें अभी से तीसरी लहर से बचने के लिए उपाय करने और सतर्क रहने की जरूरत है. इसके साथ ही हमें उन सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो हम अभी तक करते आए हैं. हमें आक्रामक तरीके जांच और उसे ट्रैक करने की जरूरत है, ताकि अधिक-से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके.'
 
एम्स के निदेशक ने कहा कि आज के हालात को देखते हुए हम कह सकते हैं कि इससे किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता कि देश में कौन का वेरिएंट आया है. जब तक देश के नागरिक कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सही तरीके से करते रहेंगे, तब तक कोरोना के किसी भी संक्रमण से बचा जा सकेगा. उन्होंने कहा, किसी भी वेरिएंट पर काबू पाने के लिए लॉकडाउन, वैक्सीनेशन और प्रोटोकॉल ये तीन सबसे बेहतर हथियार हैं.
 
डॉ गुलेरिया के कहा कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए हर किसी को चौकन्‍ना रहने की जरूरत है. दुनियाभर में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है, उसे देखते हुए भारत में भी तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में देश में तीसरी लहर आएगी लेकिन इससे बचा जा सकता है.
 
स्‍कूल खोलने के लिए रणनीति भी तय करने की है जरूरत
डॉ गुलेरिया ने कहा, कोरोन की दूसरी लहर जैसे-जैसे कमजोर पड़ती जा रही है वैसे-वैसे लॉकडाउन में छूट दी जाने लगी है. उन्‍होंने बताया कि कुछ अधिकारियों ने अभी से स्कूल खोलने पर विचार करने की जरूरत का मुद्दा उठाया है. मुझे निजी तौर से लगता है कि हमें स्कूल खोलने की आवश्यकता है और ऐसा करने के लिए एक रणनीति भी तय करनी होगी. स्कूलों को अलग-अलग स्तर पर खोला जाना चाहिए.'