शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने का विधान है. शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही जिन लोगों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी सही हो जाता है. कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखने चाहिए. पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी होता है नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं. ऐसे में कुछ विशेष उपाय और पूजन विधि से शनिदेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि अच्छे फल की प्राप्ति हो. इस विधि से करें शनिदेव की पूजा -सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नहा धोकर साफ कपड़े पहनकर तब पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें. -सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इसलिए शनिवार के दिन शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं. -शनिवार के दिन सरसों का तेल गरीबों को दान करें. -शनिदेव के नामों का उच्चारण करने से वह प्रसन्न होते हैं. - जो लोग शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर जाकर आराधना नहीं कर सकते हैं ऐसे लोग घर पर ही शनिदेव के मंत्रों और शनि चालीसा का जाप कर सकते हैं. - शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करें. -इस दिन शनि मंदिर में शनिदेव के साथ ही हनुमान जी के दर्शन करना शुभ माना जाता है. इन कामों से बचें -शनिवार को कुछ काम करने से बचना चाहिए. इस दिन नाखून या बाल नहीं कटवाने चाहिए. इससे शनिदेव क्रोधित हो सकते हैं. -शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पशु-पक्षियों पर अत्याचार न करें. -शनिवार के दिन लोहे का सामान खरीदने से बचें.
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