एक ऐसा मंदिर जहां मनोकामना पूरी होने पर लोग उछालते हैं ‘बेर’
भारत विविधताओं और परंपराओं को देश है। आइये, एक ऐसे मंदिर में जानते हैं जहां मनोकामना पूरी होने पर बेर उछालने की परंपरा है। दरअसल, इस मंदिर में ज्यादातर वो लोग आते हैं जिनके बच्चे सही से बोल नहीं पाते या देर से बोलते है। ऐसे लोगों की मनोकामना होती है कि बच्चों की सही आवाज वापस आ जाये। यहां दर्शन-पूजन के बाद जब बच्चा ठीक से बोलने लगता है तो फिर वो दोबारा यहां बेर उछालने के लिए आते हैं। इसे भक्तों की आस्था ही कहेंगे जो उन्हें यहां तक खींच लाता है।
खैर लोगों की आस्था का केन्द्र प्रसिद्ध संतराम मंदिर गुजरात के नडियाद में मौजूद है। मन्नत पूरी होने पर यहां विशेषकर पूर्णिमा पर लोग बेर उछालते हैं। एक ओर कई लोग श्रद्धा के साथ बेर उछालते हैं.तो वहीं दूसरी ओर यहां प्रसाद के रूप में भी बेर ही दिया जाता है। यह परंपरा यहां बरसों से चली आ रही है। लोगों की आस्था है कि बच्चे के बोलने की मन्नत मांगने से वो अवश्य पूरी हो जाती है।