मां जानकी के भव्य मंदिर में 51 शक्तिपीठों की मिट्टी और जल का होगा उपयोग
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दिव्य और भव्य मंदिर बनने के बाद अब मां जानकी का भी भव्य मंदिर बनाने की तैयारी है। मां जानकी का ये धाम बिहार के सीतामढ़ी में भव्य आकार लेगा, जो पहले से पुनौरा धाम के रूप में प्रसिद्ध है । मंदिर के लिए 12 एकड़ भूमि भी आवंटित कर दी गई है और जल्द ही अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तरह माता सीता के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
विशेष बात है कि इस मंदिर के निर्माण में 51 शक्तिपीठों के जल और मिट्टी का भी उपयोग किया जाएगा। मंदिर का मॉडल तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत सीता जी की बालक्रीड़ा और उनसे जुड़े अन्य स्थानों को भी चिन्हित करके उनका विकास किया जाएगा । पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड के नाम से एक सरोवर है। इस सरोवर को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान प्राप्ति होती है। यहां पंथ पाकार नाम की प्रसिद्ध जगह है। यह जगह माता सीता के विवाह से जुड़ी हुई है। इस जगह पर प्राचीन पीपल का पेड़ अभी भी है, जिसके नीचे पालकी बनी हुई है।
यहां श्रद्धालुओं के लिए कई व्यवस्थाएं की जाएंगी । इस पूरे क्षेत्र को जानकी तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जो बिहार में रामायण सर्किट का हिस्सा होगा। हाल ही में राज्य सरकार ने बिहार हिंदू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 में संशोधन किया है जिससे पुनौराधाम मंदिर की सम्पूर्ण भूमि और परिसंपत्तियों के प्रशासन का अधिकार राज्य सरकार अपने हाथ में लेकर इसके व्यापक विकास की योजना बना सकेगी।