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राम मंदिर आंदोलन के नायकों को मिलेगी शाश्वत श्रद्धांजलि

अयोध्या राम मंदिर में इतिहास को जीवंत रखने की पहल की जा रही है। मंदिर परिसर में निर्मित हो रहे प्रमुख भवनों, विश्राम गृहों, सांस्कृतिक केंद्रों का नाम मंदिर आंदोलन के महानायकों के नाम पर होगा। ये निर्णय राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नायकों को शाश्वत श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से लिया गया है।

 

इन भवनों का होगा नामकरण

 

परिसर में दक्षिण दिशा की तरफ लगभग 500 लोगों की की क्षमता वाले एक सभागार का निर्माण हो रहा है। इसका नाम विश्व हिन्दू परिषद के रणनीतिकार अशोक सिंहल के नाम पर होगा जिन्होंने मंदिर आंदोलन के लिए जनजागरण को नेतृत्व किया था । इस सभागार का निर्माण अप्रैल 2026 तक पूरा होगा। वहीं, यात्री सुविधा केंद्र के प्रवेश द्वार का नामकरण बाबा अभिराम दास के नाम पर होगा। बाबा अभिराम दास को 22-23 दिसंबर, 1949 की रात विवादित परिसर के अंदर रामलला की मूर्ति रखने का श्रेय दिया जाता है।

 

इसी तरह यात्री सुविधा केंद्र के भवन को महंत अवेद्यनाथ यात्री सुविधा केंद्र के नाम से जाना जाएगा। यह भवन रामलला के दर्शन मार्ग पर स्थित है। महंत अवेद्यनाथ का मंदिर आंदोलन में अहम योगदान रहा है। दर्शन पथ पर ही स्थित यात्री सेवा केंद्र को रामचंद्र दास परमहंस के नाम से जाना जाएगा। परमहंस न्यास के पहले अध्यक्ष थे और 9 नवंबर, 1989 को मंदिर का पहला शिलान्यास इनके नेतृत्व में हुआ था। इससे पहले मंदिर परिसर में पीतल की सुंदर प्लेटें लगाई गई हैं, जिन पर राम जन्मभूमि आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाओं को उकेरा गया है।