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मेंढक की आकृति पर बना भगवान शिव का अनोखा मंदिर, जहां शिव के साथ होती है मेंढक की भी पूजा

हिंदू धर्म की मान्यता है कि भगवान हर जगह मौजूद हैं, लेकिन भारत की संस्कृति ऐसी है कि यहां जगह-जगह आपको अलग-अलग देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे। क्या आपने कभी मेंढक की पूजा होते हुए सुना हैं ?  हम आपको यूपी के लखीमपुर खीरी के ओयल क्षेत्र में स्थित उस मंदिर के बारे में बताएंगे जहां मेंढक के उपर ही बना है भगवान शिव का मंदिर और यहां लोग मेंढक को भी पूजनीय मानते हैं। मंदिर का नाम हैं प्राचीन नर्मदेश्वर महादेव मंदिर। जहां भगवान भोलेनाथ मेंढक की आकृति के उपर विराजमान हैं। 300 साल पुराने मंडूक तंत्र और श्रीयंत्र के आधार पर निर्मित यह शिव मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है।

 

कहा जाता है कि इस जगह पर ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे। ये क्षेत्र 7वीं सदी से 12वीं सदी तक चाहमान शासकों के आधीन रहा था। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अनोखे मंदिर का निर्माण कराया था।

 

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए करवाया गया था। इस मंदिर के शिवलिंग की खास बात यह है कि ये शिवलिंग दिन में रंग बदलता है और यहां नंदी जी की बैठी नहीं बल्कि खड़ी मूर्ति है। मंदिर में हर रोज हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन दीपावली और महाशिवरात्रि पर यहां का नजारा देखने लायक होता है। मान्यता है कि मंदिर में पूजा करने पर हर किसी की मनोकामना पूरी होती है और विशेष फलों की प्राप्ति होती है।