आध्यात्म और रोमांच का अनोखा अनुभव, अब ट्रैकिंग करते हुए पहुंचें कैंची धाम
उत्तराखंड का नैनीताल सिर्फ झीलों और पर्वतों के लिए ही नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था के स्थानों के लिए भी जाना जाता है। इन्हीं में से एक है नीम करौली बाबा का प्रसिद्ध कैंची धाम आश्रम, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। चूंकि रास्तों में स्थान सीमित है इसलिए कैंची धाम पहुंचने के लिए अक्सर भक्तों को लंबे जाम का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि सुगम यातायात के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें नये मार्गों का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण, पार्किंग के स्थान और नये पुल वगैरह बनाने पर कार्य चल रहा है।
अब नैनीताल से ट्रैकिंग करके भी कैंची धाम तक पहुंचा जा सकता है। दरअसल नैनीताल चुंगी से रातिघाट तक के पैदल मार्ग का पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण कर करीब 12 किलोमीटर लंबे ट्रैकिंग रूट के रूप में इस रास्ते को विकसित किया जा चुका है। जो न केवल भीड़-भाड़ से दूर है, बल्कि रोमांच और शांति का संगम भी है। यह ट्रैक नैनीताल चुंगी से शुरू होकर चोरसा, भवाली गांव होते हुए सीधे कैंची धाम तक पहुंचता है। चीड़ और देवदार के घने जंगलों के बीच से गुजरता यह रास्ता उन लोगों के लिए एक नई उम्मीद बन गया है जो भीड़ और जाम से दूर शांति की तलाश में हैं और ट्रैकिंग का आनंद लेना चाहते हैं।
ट्रैकिंग के इस मार्ग की खूबसूरती इसकी सादगी और प्राकृतिक विविधता में छिपी है। पक्षियों की चहचहाहट, रास्ते में बहती छोटी-छोटी नदियां और शांत पहाड़ियां इस यात्रा को अविस्मरणीय बना देती हैं। यह एक आध्यात्मिक यात्रा मार्ग भी है जो भक्तों को ध्यान, साधना और प्रकृति के साथ जुड़ने का अवसर देती है। पर्यटन विभाग द्वारा इस रूट पर सुरक्षा, रेस्ट पॉइंट्स, साइन बोर्ड्स और पानी की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि यह हर आयु वर्ग के लिए मार्ग सुगम हो सके। आने वाले समय में यहां और भी सुविधाएं जुड़ेंगी जिससे यह रूट ट्रैकिंग और धार्मिक पर्यटन का बेहतरीन उदाहरण बन सके।