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एक मंदिर ऐसा भी, जहां रागों पर आधारित पदों से रिझाते हैं कान्हा को

ब्रज में यूं तो मंदिरों की लंबी श्रंखला है। खासतौर पर मथुरा और वृंदावन में तो कृष्‍ण जी के विभिन्न स्‍वरूप देखने को मिलते हें। इन सब के बीच आगरा में भी एक ऐसा मंदिर है, जिसमें शास्त्रीय रागों पर आधारित पदों से श्रीनाथजी को रिझाया जाता है। यह सभी राग, ऋतु, दिन, समय के आधार पर होते हैं।

मदिया कटरा स्थित श्रीनाथ जी का पुष्टीय मार्गीय मंदिर है। इस मत के मंदिरों में विशेष श्रंगार, भोग आदि के नियम होते हैं। उसी की परंपरा यहां है।

श्रीगिर्राज धरण चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित इस मंदिर में मुख्य विग्रह श्रीनाथजी का है। यहां नियमित पूजन, अर्चना, भोग आदि के अलावा साल में कई उत्सव होते हैं। अन्य दिनों के अतिरिक्त विशेष उत्सवों में शास्त्रीय गायन होता है। यहां विगत कई वर्षों से शास्त्रीय रागों पर आधारित भजनों का गायन हवेली गायन के प्रसिद्ध गायक सत्यभान शर्मा द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगरा में यही एकमात्र है मंदिर है, जहां राग गायन से भगवान को रिझाया जाता है। रागों का ऋतु, दिन, समय सब तय होता है, उनके आधार पर अष्टछाप कवियों की रचनाएं सुनाई जाती हैं। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शांतिस्वरूप गोयल ने बताया कि मंदिर में नंदोत्सव, होली, गोवर्धन पूजन आदि मनाए जाते हैं। यहां की पूजा अर्चना मुखिया जी मुकेश शर्मा कराते हैं। उनका कहना था कि देश में इस प्रकार के कई नगरों में मंदिर हैं, लेकिन आगरा में यह एकमात्र है। श्रद्धालु भी यहां आकर राग गायन के बीच भक्ति भावना में लीन हो जाते हैं।