कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन का पूरा खाका खींच लिया गया है। महाकुंभ में मुख्य स्नानों को लेकर पोर्टल पर पंजीकरण करने के साथ ही हर श्रद्धालु के लिए इस बार घाट और गंगा स्नान का समय निर्धारित होगा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच ग्रह और नक्षत्रों के योग के हिसाब से समय दिया जाएगा, ताकि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कर लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने का पुण्य कमा सकें। मुख्य स्नान पर हरिद्वार में करीब ढाई लाख वाहनों की पार्किंग का इंतजाम किया जाएगा।
देश में कोरोना महामारी शुरू होने के साथ ही हरिद्वार कुंभ के आयोजन पर भी बहस शुरू हो गई थी। साधु-संतों का एक धड़ा वर्ष 2021 के बजाय 2022 में कुंभ के आयोजन की मांग उठा रहा था, लेकिन अखाड़ा परिषद ने समय पर कुंभ कराने की बात कहकर इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद अखाड़ा परिषद और सरकार के बीच कई दौर की बैठकों में कुंभ के आयोजन पर चर्चा हुई। तय किया गया कि कुंभ समय पर ही होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इसके स्वरूप पर विचार किया जाएगा।
इन सबके बीच मेला प्रशासन ने आयोजन का खाका खींच लिया है। अगर कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के साथ महाकुंभ हुआ तो भी मुख्य स्नानों पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर सकेंगे। कुंभ पुलिस ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। एक लाख 94 हजार वर्ग मीटर एरिया में फैले गंगा के 107 घाटों पर शारीरिक दूरी के साथ श्रद्धालुओं को स्नान कराने की योजना है। हर श्रद्धालु को कुंभ के पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से इस सहमति दे दी है।