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पानी के अंदर पैदा होने वाले सिंघाड़े के फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान

पानी में उगने वाला सिंघाड़ा एक फल है. इसे कई तरह से खाया जाता है. कई लोग इसे खच्चा खाना पसंद करते हैं, कई लोग इसे उबाल कर कुछ लोग इसकी सब्जी बहुत शौंक से खाते, तो वहीं मीठे के शौकीन इसका हलवा बनाते हैं. सिंघाड़ा व्रत में भी खाया जाता है. इसका आटा नवरात्रि के व्रत में लोग बहुत चाह से खाते हैं. सिंघाड़ा खाने में जितना टेस्टी लगता है उतना ही ये पौष्टिक भी होता है. इतना ही नहीं, यह कई बीमारियों में भी फायदेमंद साबित होता है. सिंघाड़े में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स, रायबोफ्लेबिन जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं. आयुर्वेद में कहा गया है कि सिंघाड़े में भैंस के दूध की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक खनिज लवण और क्षार तत्व पाए जाते हैं. आप भी जानिए सिंघाड़े के फायदे...

1. अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद होता है. सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है.

2. सिंघाड़ा बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है.

3. सिंघाड़ा खाने से फटी एड़ि‍यां भी ठीक हो जाती हैं. इसके अलावा शरीर में किसी भी स्थान पर दर्द या सूजन होने पर इसका लेप बनाकर लगाने से बहुत फायदा होता है.

4. इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्ड‍ियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं. साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है.

5. प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्याएं भी ठीक होती हैं.

6. सिंघाड़े का सेवन रक्त संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है. साथ ही मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए सिंघाड़े का प्रयोग बहुत फायदेमंद है. दस्त होने पर भी सिंघाड़े का सेवन रामबाण उपाय है.

7. सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है और थाइरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है.