कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस और अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए लोग महीनों से तैयारी करते हैं। इस दिन साफ-सफाई करने के बाद लोग मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं। सुखसमृद्धि और धन प्राप्ति के लिए इस दिन क उपाय भी किए जाते हैं।
कुछ धनतेरस और दिवाली के दिन झाड़ू भी खरीदते हैं। ऐसा कहा जाता है कि झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में साफ-सफाई होती है वहां जरूर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन घर का मुख्य द्वार भी अच्छी प्रकार साफ कर सजाया जाता है। ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार किए गए कुछ उपाय आपको साल भर के लिए धन के आगमन का रास्ता खोलते हैं। ज्योतिर्विद के अनुसार दिवाली और धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर घोल बना लें। इस प्रकार बनाएं घोल से घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ ॐ लिखे, शुभ लाभ लिखे, स्वस्तिक बनाएं। यह कार्य दिवाली और धनतेरस दोनों दिन करें।
ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसा धनतेरस के दिन खरीददारी में कलश जरूर खरीदें। अगर ना हो तो मिट्टी का घड़ा भी चलेगा। इसके बाद इस खरीदे गए कलश में दीवाली के दिन पानी भरकर रसोई घर मे लाल कपड़े से ढककर स्थिर लग्न एवं शुभ मुहूर्त में रखें। इसके बाद भैया दूज तक रहने दें। उसके बाद किसी अच्छे जगह वर्ष भर के लिए रख दें। यही नहीं कलश माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है। इसलिए धनतेरस और दिवाली के दिन घर में शंख एवं डमरू बजाने से घर मे धन की कमी दूर होती है।