लहसुन किसी भी बेजान सब्जी के स्वाद को जानदार बना देता है. लेकिन लहसुन में ऐसे गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं जो आपको कई बीमारियों से दूर रखते हैं. लहसुन में एलिकिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है. एलिकिन में जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं. लहसुन विभिन्न प्रकार के विटामिन और पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है. इसमें विटामिन B1, B6 और C के साथ-साथ मैगनीज़ कैल्शिम, तांबा, सेलेनियम और अन्य जरूरी तत्व पाए जाते हैं. आइए जानते हैं लहसुन के फायदे -
1- ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में फायदेमंद है लहसुन
लहसुन का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मददगार हो सकता है. इसलिए अगर हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इसका सेवन करते हैं, तो उन्हें ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में काफी मदद मिल सकती है. हाई ब्लड प्रेशर आज के समय की एक बड़ी समस्या बन चुका है, जिसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो जाती सकती हैं. ऐसे में रोजाना लहसुन का सेवन करने से कई तरह के फायदे हो सकते हैं.
2. लहसुन वजन घटाने में भी लाभदायक
इस चाय का सेवन करने से आपके शरीर में मौजूद सारे टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिसकी वजह से शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट बर्न हो सकती है और आपका वजन आसानी से कम हो सकता है. रोजाना सेवन करने से बढ़े हुए वजन को करे कम हो सकता है.
3. उम्र बढ़ाने और स्वस्थ रहने में असरदार
लहसुन के रोजाना सेवन से आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. इस बात का कोई खास वैज्ञानिक आधार नहीं है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों की मौत का कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से होती है. लहसुन का सेवन करने से आपको बीमारियों होने का खतरा कम हो सकता है.
4. शरीर को डिटॉक्स करने में कारगर है लहसुन
लहसुन में सल्फर अच्छी मात्रा में पाया जाता है. सल्फर एक ऐसा कंपाउंड है, जो आपके अंगों को धातुओं के जहरीलेपन से बचाता है, जिससे अंग डैमेज नहीं होते हैं। गलत खानपान से शरीर में कई हानिकारक तत्व पैदा हो सकते हैं, इन्हें ही टॉक्सिन्स कहा जाता है. ऐसे में लहसुन का सेवन कर आप शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं.
5. लहसुन से कोलेस्ट्रॉल हो सकता है कंट्रोल
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों में जमा होकर धमनियों को ब्लॉक कर सकता है, जिससे दिल और दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है. इसी कारण से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर के साथ-साथ स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ सकता है.